यदि आप सभासद किसे कहते हैं, सभासद बनने के बाद सैलरी कितनी मिलती है, सभासद बनने के लिए योग्यता क्या होनी चाहिए, सभासद बनने के लिए क्या करना पड़ता है और सभासद का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है इन सभी विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इस संबंध में सभी प्रकार की जानकारियां विस्तारपूर्वक प्रदान करेंगे इसलिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें.
सभासद किसे कहते हैं
किसी जिले के, नगर पंचायत के, वार्ड के मुखिया को सभासद कहते हैं सभासद को अंग्रेजी में councilor और आमतौर पर पार्षद कहा जाता है सभासद पद हेतु आपको चुनाव आयोग द्वारा आयोजित चुनाव प्रक्रिया में भाग लेना होता है जिसके बाद यदि आप विजयी होते हैं तो आपको सभासद पद हेतु नियुक्त किया जाता है जोकि एक प्रतिष्ठित पद है सभासद अपने वार्ड के सभी नागरिको का प्रतिनिधित्व करते हैं उनकी सभी समस्याओं को नगरपालिका तक पहुंचाने का कार्य करते हैं साथ ही अपने वार्ड की व्यवस्था बनाए रखना भी सभासद का कार्य होता है.
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सभासद के कार्य और अधिकार
- वार्ड का विकास करना
- सरकारी योजनाओं के प्रति नागरिको को जागरूक करना
- जनता की परेशानियों को हल करना
- सड़कों और स्ट्रीट लाइट की मरम्मत करवाना
- सार्वजनिक स्वच्छता आपका ध्यान रखना
- सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण और उसकी व्यवस्था देखना
- जनता की मांगों को नगर पालिका में प्रस्तुत करना
- नगर पंचायत की छवि को बेहतर बनाना
- नगर पंचायत के विकास में योगदान देना
- सभासद का कार्य अपने वार्डविकास करना,नागरिको की बातें सुनना,उनकी समस्याओं का हल करनाऔर वार्ड की व्यवस्था देखना होता हैंक्योंकि सभासद अपने वार्ड का मुखिया होता है
- सभी महत्वपूर्ण निर्णयों और कार्य में भाग लेना
- नगर पंचायत की नीतियों की समीक्षा करना
- नगर पंचायत के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना तथा कार्यप्रणाली में निगरानी बढ़ाए रखना
सभासद का चुनाव कैसे होता है?
चुनाव आयोग द्वारा सभासद पद के लिए लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव सम्पन्न कराने के लिए सबसे पहले चुनाव अधिसूचना निकाली जाती है जिसमे होने वाले चुनाव से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां होती है जैसे- किस तिथि को चुनाव होगा, नामांकन प्रक्रिया, महत्वपूर्ण दस्तावेज, अंतिम तिथि आदि.
- यदि आप सभासद बनना चाहते हैं तो आपको चुनाव के लिए नामांकन फार्म भरना होगा.
- इसके बाद चुनाव आयोग द्वारा नामांकन पत्र का वेरिफिकेशन किया जाएगा.
- वेरिफिकेशन प्रक्रिया मेंसभी चीजें सही पाए जाने पर आपका नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया जाता है.
- जिसके बाद आप सभासद पद हेतु चुनाव लड़ने की योग्य हो जाते हैं और प्रचार-प्रसार कर सकते हैं.
- जिसतिथि को मतदान निश्चित किया गया होगा उसी दिन सभी नागरिक मतदान के लिए जाएंगे.
- मतदान संपन्न होने के बाद वोट की गिनती की जाएगी.
- मतगणना में यदि आपके वोट अन्य उम्मीदवारों की अपेक्षा ज्यादा हुए तो आप जीत जाएंगे और सभासद पद हेतु नियुक्त कर दिए जाएंगे.
- सभासद का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है अर्थात आप 5 साल के लिए सभासद बन जाएंगे.
सभासद का चुनाव लड़ने हेतु योग्यता
यदि आप सभासद पद हेतु चुनाव लड़ना चाहते हैं तो आपको चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित सभी पात्रता मापदंडों को पूरा करना होगा जो कि निम्नलिखित है.
- उम्मीदवार भारत का नागरिक होना चाहिये.
- उम्मीदवार की आयु 21 वर्ष से अधिक होनी चाहिए.
- उम्मीदवार न्यूनतम 10वीं पास होना चाहिए.
- उम्मीदवार किसी भी सरकारी नौकरी में कार्यरत न हो.
- आप जिस जगह से चुनाव लड़ना चाहते है वहाँ का निवास प्रमाण पत्र अवश्य होना चाहिए.
- उम्मीदवार का कोई भी अपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए.
सभासद का चुनाव लड़ने हेतु आवश्यक दस्तावेज
- उम्मीदवार का आधार कार्ड
- वोटर आईडी कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र
- शैक्षिक योग्यता का प्रमाणपत्र
- सभासद का रिज़्यूमे
- यदि उम्मीदवार शादीशुदा है तो मैरिज सर्टिफिकेट
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
सभासद का कार्यकाल
यदि आप सभासद पद हेतु चुनाव लड़ चुके हैं और जीत भी चूके है तो आपको पांच वर्षों के लिए सभासद पद पर नियुक्त किया जाएगा क्योंकि सभासद का कार्यकाल पांच वर्षों का होता है इन पांच वर्षों में आपको अपने वार्ड का विकास, सुरक्षा, प्रगति, सुनिश्चित करनी होगी और सभी आवश्यक कार्य करने होंगे उसके पश्चात् पांच वर्षों के बाद यदि आप चुनाव लड़ना चाहते हैं तो फिर से नामांकनपत्र भरकर, चुनाव लड़कर, और जीतकर सभासद पद पर नियुक्त हो सकते हैं.
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नगर पंचायत में सभासदों की संख्या
जनसंख्या | सभासद की संख्या |
10,000 से अधिक | 15 सभासद |
20,000 से अधिक | 20 सभासद |
30,000 से अधिक | 30 सभासद |
नगर पंचायत के पद
- अध्यक्ष
- उपाध्यक्ष
- सदस्य
- सभासद
- नायाब तहसीलदार
- कार्यपालक अधिकारी
- अधिशासी अधिकारी
- चतुर्थश्रेणी कर्मचारी
नगर पंचायत सभासद की सैलरी
यदि आप जानना चाहते है कि सभासद बनने के बाद आपको कितनी सैलरी मिलेगी तो हम आपको बता देकि इस पद के लिए वेतन नहीं दिया जाता है सभासद पद के लिए सरकार द्वारा भत्ता प्रदान किया जाता है जो कि प्रत्येक राज्य के हिसाब से अलग अलग हो सकता है सभासद को लगभग प्रतिमाह ₹2000 से लेकर ₹10,000 तक भत्ता दिया जाता है और साथ ही बैठक होने पर ₹1000 प्रति बैठक के हिसाब से दिया जाता है सभासद की सैलरी इसलिए कम है क्योंकि सभासद किसी भी प्रकार की नौकरी नहीं है सभासद बनके समाजसेवा की जाती है जिसके लिए किसी भी प्रकार का वेतन नहीं दिया जाता है.